डाल्टनगंज विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर आलोक चौरसिया को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2014 में झारखंड विकास मोर्चा के टिकट पर पहली बार विधायक बने आलोक चौरसिया ने 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता और अब 2024 में वह हैट्रिक लगाने की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा ने उनके कामों पर भरोसा जताते हुए एक बार फिर मैदान में उतारा है, लेकिन इस बार उन्हें टिकट के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
विजन और प्राथमिकताएं
आलोक चौरसिया का मुख्य फोकस रोजगार देना और पलायन को रोकना है। उन्होंने कहा है कि उनके क्षेत्र में उद्योगों की कमी है और उनका लक्ष्य है कि यहां औद्योगिक इकाइयां स्थापित हों। बंद पड़े माइंस को फिर से चालू करवाना भी उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है।
उनके अनुसार, पिछले 10 वर्षों में उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में बिजली की समस्या को दूर किया है और अब हर गांव में बिजली पहुंचाई गई है। इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना कराई है, जिससे युवाओं को बेहतर शिक्षा के अवसर मिल रहे हैं। सड़कें और पूल बनाने के कार्यों का भी उल्लेख किया, जो उनके कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में से हैं।
राज्य में भाजपा की सरकार बनने का दावा
आलोक चौरसिया का दावा है कि इस बार राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं, खासकर पलामू में। चौरसिया ने कहा कि जनता भाजपा के साथ है और इस बार पार्टी की जीत सुनिश्चित है।
उनका मानना है कि भाजपा नेतृत्व ने उन पर जो विश्वास जताया है, वह उस पर खरा उतरेंगे। उनके विजन में जनता से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हुए क्षेत्र में विकास और रोजगार के नए अवसर पैदा करना शामिल है।
डालटनगंज में कड़ी टक्कर
डालटनगंज विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव दिलचस्प होने वाला है। आलोक चौरसिया जहां तीसरी बार विधायक बनने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं अन्य दलों के उम्मीदवार भी जोर-शोर से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। चौरसिया की प्राथमिकताएं, खासकर रोजगार और औद्योगिकीकरण के मुद्दे, उनके लिए इस बार चुनावी फोकस होंगे।
क्या इस बार आलोक चौरसिया अपने विजन और भाजपा की नीति के साथ हैट्रिक लगा पाएंगे? यह तो चुनावी नतीजे ही तय करेंगे, लेकिन जनता की नजरें इस बार के चुनाव पर टिकी हुई हैं।